आज हम और आप Chast Ki Namaz Ka Tarika जानेंगे जिसका नाम हम सभी के बीच चाश्त की नमाज़ से भी मशहूर है हम लोग को अपने इस हसीं रंज भरी जिन्दगी में ज़रूर अदा करनी चाहिए वो इसलिए नहीं की यह जरूरी है बल्कि इसलिए कि इस नमाज़ को पढ़ने से दुनियावी सुकून के बाद भी आखिरत में भी सुकून है।
हम सभी लोग पांच वक्तों की नमाज़ का मुकम्मल तरीका तो जानते हैं लेकिन इस नमाज़ की जानकारी या तो अधूरी मालुम होती है या फिर होती ही नहीं क्यूंकि यह हम लोग हर रोज नहीं पढ़ते हैं लेकिन आज आप इस पैगाम को पढ़ने के बाद दुरूस्त तरीके से हर रोज़ चाश्त की नमाज़ वक्त निकाल कर जरूर अदा कीजिएगा।
Chast Ki Namaz Ka Tarika
आपको यह बात बताते चले कि चाश्त की नमाज एक नफ्ल नमाज है, लेकीन इसका दर्जा यानी शान, फ़ज़ीलत, बरकत बाकी नफ्ल नमाजों से आला है।
इसी लिए इस नमाज को दो रकात की नियत से मुकम्मल करना अफजल माना जाता है, यहां पर आप दोनों रकात पढ़ना स्टेप बाय स्टेप जानेंगे।
Chast Ki Namaz Ka Tarika – पहली रकात
- पहले चाश्त की नमाज की नियत करके हांथ बांध लें।
- हमने नीचे चाश्त की नमाज की नियत भी बताई है।
- फिर सना यानी ‘सुब्हान क अल्लाहुम्मा’ पुरा पढ़ेंगे।
- इसके बाद अउजुबिल्लाह मिनश शैतानिर्रजिम पढ़ें।
- फिर बिस्मिल्लाह हिर्रहमान निर्रहिम पढ़ेंगे।
- अब सूरह फातिहा यानी अल्हम्दु शरीफ पुरा पढ़ेंगे।
- सूरह फातिहा पुरा पढ़ कर आहिस्ते से आमिन कहेंगे।
- इसके बाद कुरान पाक की छोटी या बड़ी सूरह पढ़ेंगे।
- अब अल्लाहु अकबर कहते हुए रूकूअ में जाएंगे।
- रूकूअ में कम से कम 3 बार सुब्हान रब्बियल अज़ीम पढ़ें।
- इसके बाद ‘समिअल्लाहु लिमन हमिदह’ कहते हुए उठें।
- फिर उठ जाने पर ‘रब्बना लकल हम्द’ भी कहेंगे।
- अब अल्लाहु अकबर कहते हुए सज्दे में जाएंगे।
- सज्दे में कम से कम 3 बार सुब्हान रब्बियल अला पढ़ें।
- इसके बाद अल्लाहु अकबर कहते हुए उठ कर बैठ जाएं।
- फिर तुरंत अल्लाहु अकबर कहते हुए दुसरी सज्दा करेंगे।
- दुसरी सज्दा में भी 3 बार सुब्हान रब्बियल अला पढ़ेंगे।
- अब अल्लाहु अकबर कहते हुए दुसरी रकात के लिए खड़े हो जाएं।
Chast Ki Namaz Ka Tarika – दुसरी रकात
- यहां पहले अउजुबिल्लाह मिनश शैतानिर्रजिम पढ़ें।
- इसके बाद बिस्मिल्लाह हिर्रहमान निर्रहिम पढ़ेंगे।
- इसके बाद के सूरह फातिहा अल्हम्दु शरीफ पढ़ेंगे।
- यहां भी सूरह फातिहा पढ़ने के बाद आहिस्ते से आमिन कहें।
- इसके बाद यहां भी कुरान की कोई भी सूरह पढ़ सकते हैं।
- फिर इसके बाद अल्लाहु अकबर कहते हुए रूकूअ में जाएं।
- रूकूअ में कम से कम 3 बार सुब्हान रब्बियल अज़ीम पढ़ें।
- फिर समिअल्लाहु लिमन हमिदह कहते हुए रूकूअ से उठेंगे।
- फिर यहां भी उठने पर रब्बना लकल हम्द ज़रूर कहें।
- इसके बाद तुरंत अल्लाहु अकबर कहते हुए सज्दा में जाएं।
- सज्दे में भी कम से कम 3 बार सुब्हान रब्बियल अला पढ़ें।
- फिर अल्लाहु अकबर कहते हुए सज्दे से उठेंगे।
- फिर फ़ौरन अल्लाहु अकबर कहते हुए दुसरी सज्दा करेंगे।
- दुसरी सज्दा में भी ज़रूर 3 बार सुब्हान रब्बियल अला पढ़ें।
- अब अल्लाहु अकबर कहते हुए सज्दे से उठ कर बैठ जाएं।
- इसके बाद तशह्हुद यानी अत्तहिय्यात पढ़ा जाता है।
- अत्तहिय्यात पढ़ते हुए कलिमे ला पर उंगली खड़ा करें।
- फिर तुरंत इल्ला पर उंगली गिरा कर सीधी कर लेंगे।
- इसके बाद दुरूदे इब्राहिम पढ़ें फिर दुआ ए मसुरा पढ़ें।
- अब अस्सलामु अलैकुम व रहमतुल्लाह कह कर सलाम फेर लें।
- पहले अस्सलामु अलैकुम व रहमतुल्लाह कहते हुए दाहिने तरफ गर्दन घुमाएंगे।
- फिर दुसरी बार अस्सलामु अलैकुम व रहमतुल्लाह कहते हुए बाएं तरफ गर्दन घुमाएंगे।
- यहां पर आपकी चाश्त की नमाज की दोनों रकात मुकम्मल हो गई।
आप इसी तरह हर बार 2 – 2 रकात की नीयत करके जितनी चाहे ज्यादा से ज्यादा 12 रकात चाश्त की नमाज अदा कर सकते हैं।
चाश्त की नमाज की नियत
नियत कि मैने 2 रकात नमाज़ चाश्त की नफ्ल वास्ते अल्लाह तआला के मुंह मेरा काबा शरीफ कि तरफ अल्लाहु अकबर।
अंतिम लफ्ज़
मेरे प्यारे मोमिनों आप ने अब तक तो चाश्त की नमाज़ अदा करने बहुत ही आसानी से सिख गए होंगे अगर आपके मन में कोई सवाल हो तो आप हमसे कॉमेंट करके पूछ सकते हैं और इस बात को ज्यादा से ज्यादा लोगों के बीच शेयर करें जिसे वो भी सही से चाश्त की नमाज पढ़ सकें।
एक बात और अगर कहीं पर आपको गलत लगा हो या कहीं कुछ छूट गई हो तो भी आप हमें कॉमेंट करके इनफॉर्म करें ताकि हम अपनी गलतियां सुधार सकें हम सब से छोटी बड़ी ग
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