Janaze Ki Namaz Ka Tarika – जनाजे की नमाज का तरीका

आज यहां पर आप Janaze Ki Namaz Ka Tarika बहुत ही आसानी से जानेंगे क्योंकी हमने यहां पर जनाजे की नमाज पढ़ने का सही तरीक़ा, नियत, सना, और सभी चीजें बहुत ही स्पष्ट और आसान लफ़्ज़ों में बताया है।

इसे पढ़ने के बाद आप बहुत ही आसानी जनाजे की नमाज अदा कर पाएंगे फिर इसके बाद आपको कहीं पर भी जनाजे की नमाज का तरीका ढूंढनी नहीं पड़ेगी इसीलिए आप यहां पे पुरा ध्यान से पढ़ें।

Janaze Ki Namaz Ka Tarika

  1. सबसे पहले जनाजे की नमाज की नीयत करें।
  2. हमने नीचे जनाजे की नमाज की नीयत बताई है।
  3. अब अल्लाहु अकबर कहते हुए हाथ कान तक उठाएं।
  4. इसके बाद नाफ के नीचे दोनों हाथों को लाकर बांध लें।
  5. अब आप जनाजे की नमाज की सना धीमें आवाज में पढ़ें।
  6. हमने इसे भी यानी नमाजे जनाजा की सना भी नीचे बताई है।
  7. अब इसके बाद बगैर हाथ को उठाए आप अल्लाहु अकबर कहें।
  8. यहां पर इमाम साहब जोर से अल्लाहु अकबर कहते हैं आप धीरे कहें।
  9. अब आप दुरूदे इब्राहिम पढ़ें, जिसे‌ हम सब पंजवक्ता नमाज में अत्तहिय्यात के बाद पढ़ते हैं।
  10. फिर से अब बगैर हाथ को उठाए आप अल्लाहु अकबर कहें और नमाजे जनाजा की दुआ पढ़ें।
  11. मय्यत के मुताबिक यहां दुआ पढ़ें बालिग और नाबालिग के लिए दुआ अलग अलग है।
  12. इसके बाद यहां पर अब आप अल्लाहु अकबर कह कर दोनों हाथों को छोड़ दें।
  13. अब इमाम साहब अस्सलामु अलैकुम व रहमतुल्लाह कहेंगे तो पहले दाहिने तरफ गर्दन घुमाएं।
  14. जब दुसरी बार अस्सलामु अलैकुम व रहमतुल्लाह कहेंगे तो बाएं तरफ गर्दन को घुमाएं।
  15. यहां अब आप जनाजे की नमाज मुकम्मल कर लिए अब मय्यत के लिए मगफिरत की दुआ करें।

Janaze Ki Namaz Ki Niyat

नीयत की मैंने जनाजे की नमाज की चार तकबीरों के साथ अल्लाह तआला के लिए दुआ इस मय्यत के लिए पीछे इस इमाम के मुंह मेरा काअबा शरीफ की तरफ अल्लाहु अकबर।

Janaze Ki Namaz Ki Sana

सुब्हान क अल्लाहुम्मा व बिहमदिका व तबार कस्मुका व तआला जद्दु क व जल्ला सनाउका व ला इल्लाहा गैरू क।

जनाजे की नमाज की दुआ जानें

जनाजे की नमाज में जब आप शामिल हो तो मरहूम के हक में ज्यादा से ज्यादा दुआ करें अगर आपके करीबी या अजीज हो तो उनके हक में मगफिरत की दुआ करें, उनके हक में दुआ करना ही सबसे बेहतर होता है।

आप भी शायद जानते ही होंगे कि जनाजे की दुआ अलग अलग है नाबालिग के लिए अलग बालिग के लिए अलग बच्चे के लिए अलग सभी के लिए अलग अलग की दुआ शरीयत ए इस्लाम में है।

जनाजे की नमाज में कितनी शर्तें हैं?

जनाजे की नमाज के लिए 3 शर्तें मशहूर है:

  • कादिर होना
  • बालिग होना
  • आकिल होना

एक बात इसमें ज्यादा है यानी कि उसकी मौत की खबर होना।

जनाजे की नमाज में कितनी सुन्नत है?

जनाजे की नमाज में 3 चीजें सुन्नतें मुअक्कदा है:

  • अल्लाह तआला की सना
  • हुजूर अलैहिस्सलातु पर दुरूद
  • सबसे खास मय्यत के लिए दुआ

जनाजे की नमाज पढ़ने का बेहतरीन सवाब

हज़रते सय्यिदिना अबु हुरैरा रदियल्लाहु से रिवायत है कि हुजूर सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया: आज तुम में से किसने रोज़ा रखा , मिस्किन को खाना खिलाया , मरीज की इयादत की और जनाजे की नमाज में शरीक हुआ सब सवाल पर हज़रते सय्यिदिना‌ अबु बक्र सिद्दिक रजि अल्लाहु तआला अन्हु ने फ़रमाया मैंने, इस पर हुजूर फरमाएं वो जन्नत में दाखिल होगा।

हज़रते सय्यिदिना‌ अबु हुरैरा रदियल्लाहु अन्हु से रिवायत है कि हुजूर सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया जो नमाज अदा करने तक जनाजे में शरीक रहा उसके लिए एक किरात सवाब है और जो तदफीन तक शरीक रहा उसके लिए दो कीरात सवाब है पुछा गया दो कीरात क्या है? फ़रमाया दो अजीम पहाड़ों की मिसाल।

जनाजे की नमाज में कौन सी सूरत पढ़ी जाती है?

हमने देखा कि बहुत सारे लोग इसकी जवाब की तलाश कर रहे हैं कि जनाजे की नमाज में कौन सी सूरत पढ़ी जाती है इसकी वजह यही हो सकता है कि लोगों को जानकारी का अभाव है या यूं कहें तो कंफ्यूजन है सबसे पहले आपको यह बता देना चाहता हूं कि जनाजे की नमाज में कोई भी सूरत नहीं पढ़ी जाती है।

सबसे पहले नीयत करने के बाद जनाजे की नमाज की सना पढ़ी जाती है इसके दुसरा तकबीर के बाद हम सभी को दुरूद ए इब्राहिम पढ़नी चाहिए इसके अलावा कोई दुआ अज़कार भी जनाजे की नमाज के अन्दर नहीं पढ़ी जाती है इसका हम सब को ध्यान रखना चाहिए।

लेकीन दुआ करने से पहले और दुआ में भी हम सब दुआ की कुबुलियत अधिक फजीलत के लिए हम सब को मय्यत के हक में खूब ज्यादा सूरह इखलास की तिलावत करनी चाहिए हम सभों को दुआ करने से पहले कम से कम तीन 3 मरतबा सूरह इखलास पढ़ना चाहिए।

जनाजे की नमाज जुते पर खड़े होकर पढ़ना कैसा?

आप भी शायद कभी देखे होंगे कि बाज लोग जूता पहने और बहुत लोग जूते पर खड़े होकर जनाजे की नमाज पढ़ते हैं मैं ये नहीं कहता कि ये गलत है बल्कि अदब के खिलाफ है और अगर जुता पहन कर या जूते पर खड़े होकर भी पढ़ रहे हैं जो इसकी भी कुछ शर्त है।

अगर इस तरह से नमाज पढ़ रहे हैं तो आपकी जुता और नीचे के फर्श यानी ज़मीन दोनों चीजों का पाक होना ज़रूरी है अगर नजासत होगी तो आपकी नमाज नहीं होगी और जूते पाक नहीं होगी तो भी नमाज नहीं होगी इसका हम सब को काफी ध्यान रखना चाहिए।

FAQs

जनाजे की नमाज में कितने फर्ज है?

जनाजे की नमाज में 2 फर्ज है। अल्लाहु अकबर 4 बार कहना और खड़े होकर पढ़ना।

जनाजे की नमाज में क्या पढ़ा जाता है?

जनाजे की नमाज में सना, दुरूद शरीफ पढ़ा जाता है।

जनाजे की नमाज कितनी रकात होती है?

जनाजे की नमाज में रकात नहीं होती सिर्फ 4 तकबीर यानी 4 बार अल्लाहु अकबर पढ़ कर मुकम्मल की जाती है।

आख़िरी बात

आप ने यहां पर बहुत ही जरूरी इल्म हासिल कि यानी जनाजे की नमाज पढ़ने का सही तरीका बहुत ही आसान लफ्ज़ों में पढ़ कर समझा यकीनन आप अब बहुत ही आसानी से बेझिझक जनाजे की नमाज पढ़ पाएंगे अगर अभी भी आपके मन में कोई डाउट हो तो कॉमेंट करके ज़रूर पूछें।

हमने इस पैग़ाम में जनाजे की नमाज से जुड़ी बहुत सारे अच्छे अच्छे और जरुरी जानकरियां लिखी थी जरुर यह आपके लिए फायदेमन्द साबित हुआ होगा अगर यह पैगाम आपको अच्छा लगा हो यानी इस कुछ आपको सीखने को मिला हो तो ऐसे इल्म को ज्यादा से ज्यादा फैलाएं।