Salatul Hajat Ki Namaz Ka Tarika – सलातुल हाजत की नमाज़ का सही तरीका

आज यहां आप एक बहुत ही बरकत भरी नमाज़ यानी Salatul Hajat Ki Namaz Ka Tarika जानेंगे हमने यहां पर सलातुल हाजत की नमाज़ अदा करने का सुन्नत तरीका बहुत ही आसान लफ्ज़ों में बताया है।

इसको पढ़ने के बाद आप बहुत ही आसानी से सलातुल हाजत की नमाज़ अदा कर पाऐंगे, इस पैग़ाम को ध्यान से पढ़ें इसके बाद आपको कहीं पर भी सलातुल हाजत की नमाज़ अदा करने का तरीका देखने की जरूरत नहीं होगी।

Salatul Hajat Ki Namaz Ka Tarika

आपको इस बात की जानकारी देते चलूं कि सलातुल हाजत की नमाज़ 2 रकात और 4 रकात की नियत से यानी दो तरीके से पढ़ी जाती है।

हमने यहां पर दोनों तरीकों से सलातुल हाजत की नमाज़ को पढ़ने का सही तरीका बताया है जिसे आप आसानी से पढ़ कर इसे समझ जाएंगे।

इसके बाद सलातुल हाजत की नमाज पढ़ कर खुद का हाजत अपने अल्लाह तबारक व तआला से पुरी करा सकेंगे इंशाल्लाह तआला हमारा रब करीम है।

Salatul Hajat Ki Namaz Ka Tarika – पहली रकात

  1. पहले सलातुल हाजत की नियत करके हांथ बांध लें।
  2. हमने नीचे सलातुल हाजत की नियत भी बताई है।
  3. फिर सना यानी सुब्हान क अल्लाहुम्मा पुरा पढ़ेंगे।
  4. फिर अउजुबिल्लाह और बिस्मिल्लाह पढ़ेंगे।
  5. अब सूरह फातिहा अल्हम्दु शरीफ पुरा पढ़ेंगे।
  6. पुरा पढ़ कर आहिस्ते से आमिन भी कहेंगे।
  7. अब यहां पर 3 मरतबा आयतुल कुर्सी पढ़ें।
  8. अब अल्लाहु अकबर कह कर रूकुअ में जाएंगे।
  9. रूकुअ में कम से कम तीन या पांच, सात बार।
  10. सुब्हान रब्बियल अज़ीम पढ़ेंगे इसके बाद।
  11. समी अल्लाहु लिमन हमिदह और रब्बना लकल हम्द।
  12. कह कर रूकुअ से अपना गर्दन उठाएंगे।
  13. अब अल्लाहु अकबर कह कर सज्दे में जाएंगे।
  14. सज्दे में तीन बार सुब्हान रब्बियल अला पढ़ेंगे।
  15. फिर अल्लाहु अकबर कह कर सज्दे से उठें।
  16. फिर अल्लाहु अकबर कह कर दुसरी सज्दा करें।
  17. दुसरी में भी तीन बार सुब्हान रब्बियल अला कहें।
  18. इसके बाद अल्लाहु अकबर कह कर उठ जाएंगे।
  19. अब आप दुसरी रकात नमाज़ अदा करेंगे।

Salatul Hajat Ki Namaz Ka Tarika – दुसरी रकात

  1. यहां सबसे पहले तअव्वुज और तस्मियह पुरा पढ़ें।
  2. यानी यहां अउजुबिल्लाह मिनश शैतानीर्रजीम पढ़ें।
  3. इसके बाद बिस्मिल्लाह हिर्रहमान निर्रहिम पढ़ें।
  4. अब यहां भी सूरह फातिहा यानी अल्हम्दु शरीफ़ पढ़ें।
  5. इसके बाद फिर यहां भी आहिस्ते से आमिन कहें।
  6. अब सूरह इख्लास यानी कुल हु वल्लाहु शरीफ पढ़ें।
  7. फिर इसके बाद अल्लाहु अकबर कहते हुए रूकूअ में जाएं।
  8. रूकूअ में कम से कम 3 बार सुब्हान रब्बियल अज़ीम पढ़ें।
  9. फिर समिअल्लाहु लिमन हमिदह कहते हुए रूकूअ से उठेंगे।
  10. फिर यहां भी उठने पर‌ रब्बना लकल हम्द‌ ज़रूर कहें।
  11. इसके बाद तुरंत अल्लाहु अकबर कहते हुए सज्दा में जाएं।
  12. सज्दे में भी कम से कम 3 बार सुब्हान रब्बियल अला पढ़ें।
  13. फिर अल्लाहु अकबर कहते हुए सज्दे से उठेंगे।
  14. फिर फ़ौरन अल्लाहु अकबर कहते हुए दुसरी सज्दा करेंगे।
  15. दुसरी सज्दा में भी ज़रूर 3 बार सुब्हान रब्बियल अला पढ़ें।
  16. अब अल्लाहु अकबर कहते हुए सज्दे से उठ कर बैठ जाएं।
  17. इसके बाद तशह्हुद यानी अत्तहिय्यात पढ़ा जाता है।
  18. अत्तहिय्यात पढ़ते हुए कलिमे ला पर उंगली खड़ा करें।
  19. फिर तुरंत इल्ला पर उंगली गिरा कर सीधी कर लेंगे।
  20. अब अल्लाहु अकबर कहते हुए खड़े हो जाएं तीसरी रकात के लिए।

Salatul Hajat Ki Namaz Ka Tarika – तिसरी रकात

  1. यहां पर पहले अउजुबिल्लाह मिनश शैतानीर्रजीम पढ़ें।
  2. अब तस्मियह यानी बिस्मिल्लाह हिर्रहमान निर्रहिम पढ़ेंगे।
  3. इसके बाद सूरह फातिहा यानी अलहम्दु शरीफ पुरा पढ़ें।
  4. सूरह फातिहा पुरा पढ़ने के बाद आहिस्ते से आमिन कहें।
  5. फिर सूरह फलक यानी कुल अउजु बि रब्बिल फलक पढ़ें।
  6. इसके बाद अल्लाहु अकबर कहते हुए रूकूअ में जाएं।
  7. रूकूअ में 3, 5, या 7 बार सुब्हान रब्बियल अज़ीम पढ़ें।
  8. फिर समिअल्लाहु लिमन हमिदह कहते हुए रूकूअ से उठें।
  9. रूकूअ से उठते उठते भर में रब्बना लकल हम्द भी कहेंगे।
  10. इसके बाद अल्लाहु अकबर कहते हुए सज्दे में जाएं।
  11. सज्दे में कम से कम तीन बार सुब्हान रब्बियल अला पढ़ें।
  12. फिर अल्लाहु अकबर कहते हुए उठ कर बैठ जाएं।
  13. फिर तुरंत अल्लाहु अकबर कहते हुए दुसरी सज्दा करें।
  14. दुसरी सज्दा में भी तीन बार सुब्हान रब्बियल अला पढ़ें।
  15. अब अल्लाहु अकबर कहते हुए चौथी रकात के लिए खड़े हो जाएं‌।

Salatul Hajat Ki Namaz Ka Tarika – चौथी रकात

  1. यहां पर अउजुबिल्लाह और बिस्मिल्लाह पढ़ेंगे।
  2. फिर सूरह फातिहा पुरा पढ़ेंगे और आमिन कहेंगे।
  3. फिर सूरह नास यानी कुल कुल अउजु बि रब्बी न्नास पढ़ें।
  4. इसके बाद अल्लाहु अकबर कह कर रूकूअ में जाएंगे।
  5. रूकूअ में कम से कम 3 बार सुब्हान रब्बियल अज़ीम पढ़ें।
  6. फिर समिअल्लाहु लिमन हमिदह कहते हुए रूकूअ से उठें।
  7. रूकुअ से उठ जाने पर रब्बना लकल हम्द भी कहेंगे।
  8. फिर तुरंत अल्लाहु अकबर कहते हुए सिधे सज्दे में जाएंगे।
  9. सज्दे में कम से कम 3 बार सुब्हान रब्बियल अला पढ़ेंगे।
  10. अब अल्लाहु अकबर कहते हुए उठ कर बैठ जाएंगे।
  11. तुरंत बाद अल्लाहु अकबर कहते हुए दुसरी सज्दा करेंगे।
  12. दुसरी सज्दा में भी तीन बार सुब्हान रब्बियल अला पढ़ेंगे।
  13. दुसरी सज्दा मुकम्मल करने के बाद अब आप।
  14. अल्लाहु अकबर कहते हुए तशह्हुद के लिए बैठ जाएंगे।
  15. इसके बाद अत्तहिय्यात यानी तशह्हुद को पुरा पढ़ेंगे।
  16. अत्तहिय्यात पढ़ते हुए जब अश्हदु ला पर पहुंचे।
  17. तो दाहिने हाथ से शहादत उंगली को खड़ा करेंगे।
  18. फिर इल्लाहा पर उंगली गिरा कर सीधी कर लेंगे।
  19. इसके बाद दुरूद शरीफ में दुरूदे इब्राहिम को पढ़ें।
  20. फिर इसके बाद दुआए मासुरह को पढ़ेंगे।
  21. अब आप इसके बाद सलाम फेर लेंगे।
  22. सबसे पहले अस्सलामु अलैकुम व रहमतुल्लाह कहते हुए दाहिने तरफ गर्दन घुमाएं।
  23. फिर अस्सलामु अलैकुम व रहमतुल्लाह कहते हुए बाएं जानिब गर्दन को घुमाएं।

आपकी यहां तक 4 रकात की सलातुल हाजत की नमाज़ अदा हो गई यानी मुकम्मल हो गई।

आपको यह थोड़ा दुसरे नमाज़ के मुकाबले डिफिकल्ट जरूर लगा होगा क्योंकी जो इसमें आयतुल कुर्सी पढ़ने की इल्म यानी पहली रकात में आयतुल कुर्सी को सूरह फातिहा के बाद पढ़ने को कहा गया है।

लेकीन सलातुल हाजत की नमाज़ का अदा करने का दुरूस्त और सही तरीका यही है आप इसपे अमल करें जिसे आपको पुरा फजीलत और सवाब हासिल हो और साथ ही आपकी हाजत भी पूरी हो जाए।

अगर आप सलातुल हाजत की 2 रकात की नियत करके नमाज़ अदा करना चाहते हैं तो आप पहली रकात में सूरह फातिहा के बाद 3 बार आयतुल कुर्सी पढ़ें और दुसरी रकात में सूरह बकरह का आमन रसुलो से काफेरिन तक पढ़ें, बाकी सब रूकू और सज्दा बाकी नमाज़ की तरह ही करें।

इसके बाद सलातुल हाजत की दुआ पढ़ें फिर जो चाहें अपने हाजत के मुताबिक दुआ करें और हां दुआ में हद से आगे न बढ़े आप यहां पढ़ कर समझ लें दुआ मांगने का तरीका दिल से दुआ करें इंशाअल्लाह आपकी हाजत पुरी होगी।

Salatul Hajat Ki Namaz Ki Niyat

नीयत की मैंने चार रकात नमाज ए हाजत की नफ्ल वास्ते अल्लाह तआला के रूख मेरा काअबा शरीफ की तरफ अल्लाहु अकबर।

नोट: अगर आप दो रकात की सलातुल हाजत की नमाज़ के लिए नियत कर रहे हैं तो ‘नीयत की मैंने दो रकात’ बोलें।

Salatul Hajat Ki Namaz Ka Time

सलातुल हाजत की नमाज़‌ अदा करने का सबसे अच्छा टाइम ईशा की नमाज के बाद है आप इस नमाज़ को ईशा की नमाज खत्म होने के बाद अदा करें लेकिन यह हरगिज ना सोचें कि सलातुल हाजत की नमाज़‌ सिर्फ इसी वक्त अदा की जा सकती है।

यह इस नमाज़ को अदा करने का सबसे खास वक्त बताया गया है न कि सिर्फ इसी वक्त पर अदा करने का मुकर्रर किया गया है आप जब चाहे जैसे किसी भी चीज को हासिल करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है तो उसी वक्त पढ़ लें सिर्फ वक्त मकरूह को छोड़कर।

Salatul Hajat Ki Namaz Ki Fazilat

  • सबसे अच्छी और बड़ी फजीलत इस नमाज़ को पढ़ने से हाजत पुरी होती है।
  • सलातुल हाजत की नमाज़ पढ़ने से कठीन चीज़ों को अल्लाह आसान फरमाता है।
  • इस नमाज़ को सही तरीके से पढ़ने से शब ए कद्र की चार रकात जैसा नमाज़ पढ़ने की सवाब हासिल होती है।
  • इस नमाज़ को हम सब अपने अपने इच्छा को पाने के लिए पढ़ा करते हैं जिसे वो इच्छा पूरी फरमाता है।
  • इस नमाज़ के साथ दुआ पढ़ने से मानसिक शक्ति और शारीरिक स्वास्थ्य भी बेहद अच्छा होता है।

FAQs

सलातुल हाजत की नियत कैसे करें?

सलातुल हाजत की नियत इस तरह करें नीयत की मैंने चार/दो रकात नमाज ए हाजत की नफ्ल वास्ते अल्लाह तआला के रूख मेरा काअबा शरीफ की तरफ अल्लाहु अकबर।

सलातुल हाजत की नमाज़‌ सुन्नत है या नफिल?

सलातुल हाजत की नमाज़‌ एक नफ्ल नमाज है लेकिन यह बहुत ही रहमत व अजमत वाली नमाज है।

क्या मैं रोज सलातुल हजात की नमाज अदा कर सकता हूं?

जी हां आप रोज भी सलातुल हजात की नमाज अदा कर सकते हैं इससे आपको बहुत नेकी हासिल होगी।

आख़िरी बात

आप ने इस पैग़ाम में बहुत ही रहमत और बरकतों भरी नमाज़ यानी सलातुल हाजत की नमाज अदा करने का सही तरीका बहुत ही साफ़ और आसान लफ्ज़ों में समझा हमने यहां पर सलातुल हाजत की नमाज के साथ साथ सलातुल हाजत की नियत, वक्त, रकात के बारे में भी जानकारी दी।

अगर अभी भी आपके मन में सलातुल हाजत की नमाज से जुड़ी कोई सवाल या फिर किसी भी तरह का डाउट हो तो आप हमसे कॉमेंट करके ज़रूर पूछें हम आपके सभी सवालों का जवाब ज़रूर देने की कोशिश करेंगे जिसे आप आसानी से बिना दखल के सलातुल हाजत की नमाज अदा कर सकें।

अगर यह पैगाम आपको अच्छा लगा हो यानी इस पैग़ाम से कुछ भी आपको सीखने को मिली हो तो आप ऐसे इल्म को जरूरत के मुताबिक लोगों को ज़रूर बताएं जिसे वो भी अमल में लाएं और हम दोनों के नामाए आमाल में नेकियों का इज़ाफा हो साथ ही अपने नेक दुआओं में हमें भी याद रखें शुक्रिया।

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