आज यहां आप Shab E Meraj Ki Namaz Ka Tarika बहुत ही आसानी से जानेंगे क्योंकी हमने यहां पर शब ए मेराज की नमाज पढ़ने का सही तरीक़ा, नियत, रकात सभी चीजें बहुत ही स्पष्ट और आसान लफ़्ज़ों में बताया है।
इसे पढ़ने के बाद आप बहुत ही आसानी शब ए मेराज की नमाज अदा कर पाएंगे फिर इसके बाद आपको कहीं पर भी शब ए मेराज की नमाज अदा करने का तरीका ढूंढनी नहीं पड़ेगी इसीलिए आप यहां पे पुरा ध्यान से पढ़ें।
Shab E Meraj Ki Namaz Ka Tarika
शब ए मेराज की रात 2-2 रकात की नियत से नमाज़ पढ़ेंगे जिस तरह से हमने नीचे में बताया है आप यहाँ पर ध्यान से पढ़ कर समझ लें।
इसके बाद आप आसानी से शबे मेराज की नमाज़ पढ़ सकेंगे क्यूंकि हमने यहां दोनों रकातों को एक एक करके स्टेप बाय स्टेप बताया है।
Shab E Meraj Ki Namaz Ka Tarika-पहली रकात
- पहले शबे मेराज की दो रकअत नफ्ल की नियत करें।
- फिर इसके बाद अल्लाहु अकबर कह कर हांथ बांध लें।
- फिर सना यानी सुब्हान कल्ला हुम्मा व बि हम् दिक पुरा पढ़े।
- अब तअव्वुज यानी अउजुबिल्लाहि मिनश शैतानिर्रजीम पढ़ें।
- इसके बाद तस्मियह यानी बिस्मिल्लाह हिर्रहमान निर्रहीम पढ़ें।
- अब इसके बाद सुरह फातिहा यानि अल्हम्दु शरीफ को पढ़े।
- फिर सुरह इख्लास यानी कुलहूवल्लाह शरीफ 3 तीन बार पढ़े।
- फिर अल्लाहु अकबर कह कर रूकुअ करें और तीन बार, पांच बार या सात बार सुब्हान रब्बियल अजिम पढ़ें।
- इसके बाद समिअल्लाहु लिमन हमिदह कहते हुए रूकुअ से सर उठाएं फिर उठने पर रब्बना लकल हम्द कहें।
- इसके बाद अल्लाहु अकबर कहते हुए सज्दे करें, इसमें तीन बार, पांच बार, या सात बार सुब्हान रब्बियल अला पढ़ें।
- अब अल्लाहु अकबर कह कर कुछ देर के लिए दुसरी सज्दा से पहले बैठे रहें।
- फिर अल्लाहु अकबर कहते हुए दुसरी सज्दा करें और कम से कम तीन बार सुब्हान रब्बियल अला पढ़ें।
- यहां तक आपकी शबे मेराज की दो रकअत नफ्ल में से पहली रकअत मुकम्मल हो गई।
- अब अल्लाहु अकबर कहते हुए दूसरी रकअत के लिए खड़े हो जाएं।
Shab E Meraj Ki Namaz Ka Tarika – दूसरी रकात
- यहां पर सबसे पहले बिस्मिल्लाह हिर्रहमान निर्रहीम पढ़े।
- इसके बाद सिर्फ सूरह फातिहा यानि अल्हम्दु शरीफ पढ़े।
- अब फिर से सुरह इख्लास यानी कुलहुवल्लाहु 3 तीन बार पढ़े।
- इसके बाद अल्लाहु अकबर कहते हुए रूकुअ करें और कम से कम तीन बार सुब्हान रब्बियल अजिम पढ़ें।
- इसके बाद समिअल्लाहु लिमन हमिदह कहते हुए उठें और उठने पर रब्बना लकल हम्द कहें।
- फिर अल्लाहु अकबर कहते हुए सज्दे करें और कम से कम तीन बार सुब्हान रब्बियल अला कहें।
- यहां पर अब आप अल्लाहु अकबर कहते हुए उठे और कुछ देर के लिए बैठे रहें।
- इसके बाद अल्लाहु अकबर कहते हुए दुसरी सज्दा करें और कम से कम तीन बार सुब्हान रब्बियल अला पढ़ें।
- इसके बाद अल्लाहु अकबर कहते हुए तशह्हुद के लिए बैठ जाएं और अतहियात पढ़ें।
- जब अतहियात पढ़ते हुए कलिमे ला पर पहुंचे तो दाहिने हाथ से शहादत उंगली उठाएं और इल्ला पर गिरा दें।
- इसके बाद दुरूद ए इब्राहिम पढ़ें, फिर दुआए मासुरह पढ़ें और सलाम फेर लें।
- सबसे पहले दाहिने कन्धे कि ओर अस्सलामु अलैकुम व रहमतुल्लाह कहते हुए गर्दन घुमाएं।
- इसके बाद बाएं कंधे कि ओर अस्सलामु अलैकुम व रहमतुल्लाह कहते हुए गर्दन को घुमाएं।
- यहां पर आपकी शबे मेराज की दो रकअत की नफ्ल नमाज़ की दोनों रकअत मुकम्मल हो गई।
- अब सलाम फेरने के बाद 125 एक सौ पच्चीस बार दुरूद शरीफ पढ़े आपको जो भी दुरूद याद हो!
इसी तरह दो दो रकअत करके आप को 12 बारह रकअत शबे मेराज की नफ्ल अदा करनी है।
शबे मेराज की नमाज़ पढ़ने का सही तरीका
याद रखें कि हर रकअत में अल्हम्दु शरीफ के बाद सुरह इख्लास 3 तीन बार पढ़ना है, बाकी सब चीज़ बाकी नमाज़ की तरह ही पढ़नी है लेकिन नियत भी अलग तरीके से पढ़ना है।
इसके बाद 2 दो रकअत की नफ्ल पढ़े, पहली रकअत में सुरह फातिहा यानी अल्हम्दु शरीफ पढ़ने के बाद आयतुल कुर्सी 1 एक बार पढ़ें, फिर दुसरी रकअत में सुरह फातिहा के बाद ल-कद् जा -अकुम् 1 एक बार पढ़ें, बाकी सभी चीज़ आपको पहले की दो रकअत जैसा ही पढ़ना है इस तरह से सिर्फ दो रकअत ही पढ़े, इस दो रकअत की नफ्ल नमाज़ को मुकम्मल कर लेने के बाद 100 एक सौ मरतबा इस्तिग्फार पढें।
अब दो दो रकअत करके 12 बारह रकअत नमाज़ अदा करें, हर रकअत में अल्हमदु शरीफ यानी सुरह फातिहा पढ़ने के बाद 5 पांच मरतबा सुरह इख्लास पढें, बाकी सब कुछ पहले के दो रकअत जैसा ही पढ़ें, हर दो रकअत पर सलाम फेरने के बाद 100 एक सौ बार पहला कलमा ‘ला इलाहा इल्लल्लाहु मुहम्मदुर रसुलुल्लाह’ पढें।
फिर चार रकअत नमाज़ दो दो रकअत करके मुकम्मल करें इस तरह से की हर एक रकअत में सुरह फातिहा यानि अल्हम्दु शरीफ पढ़ने के बाद 7 सात बार सुरह इख्लास पढ़ें, और सभी चीज़ हर दो रकअत नफ्ल की तरह ही पढ़नी है, हर दो रकअत पर सलाम फेरने के बाद तीसरा कलमा कलमए तम्जिद 100 एक सौ बार पढ़नी है इस तरह से सिर्फ चार रकअत नमाज़ दो दो रकअत करके अदा करेंगे।
फिर आप दो रकअत की नमाज़ मुकम्मल करेंगे कुछ इस तरह से की हर रकअत में सुरह फातिहा के बाद तीन बार सुरह काफिरून पढ़ना है बाकी हर तारिका को पहले की दो रकअत नमाज़ की तरह लागू करना है, इस तरह से नमाज़ सिर्फ दो रकअत ही पढ़ेंगे।
अगर हो सके तो इस रात आप जरूर चार रकअत की सलातुल तस्बीह की नमाज अदा करें, इस रात में सलातुल तस्बीह की नमाज़ को अदा करने का बहुत बड़ी फजीलत है नमाज़ पढ़ने के दौरान ही आप दुआ मांगे खूब जिद्द से दुआ मांगे इसके बाद सुबह में यानी 27 रज्जब के दिन जरूर रोज़ा रखें।
शबे मेराज की नमाज़ की नियत
नियत की मैने दो रकअत नमाज़ शबे मेअराज की नफ्ल वास्ते अल्लाह तआला के रूख मेरा काअबा शरीफ की तरफ अल्लाहु अकबर।
शबे मेराज की न अरबी नियत हिन्दी में
नवैतुवन उसल्लीय लिल्लाही तआला रकाति सलावतिल नफ्ली मुतवाजि़हन इल्लाजिहातिल काअबतिश सरीफत्ही अल्लाहू अकबर।
गौर फरमाएं:- हर दो रकअत शबे मेराज की नमाज़ की नियत यही होगी, बाकी सभी चीज़ पढ़ने की और हर नमाज़ का तरीका हमने आपको उपर में ही बताया है।
शबे मेराज की नमाज़ कितनी रकात है?
शबे मेराज की रात में आपको चाहिए कि सबसे कब्ल 12 रकात दो दो रकअत करके नमाज़ पढें, फिर इसके बाद 2 रकअत की नमाज़ पढें, इसके बाद फिर 12 रकात दो रकअत करके छः सलाम के साथ मुकम्मल करें,अब 4 रकात नमाज़ दो दो रकअत करके मुकम्मल करें फिर से 2 रकअत अदा करें, इस तरह से आप पुरा नमाज़ शबे मेराज की अदा करें।
अगर आपका सवाल रकात की लिमिट का है तो आपको यह बात बता दें कि शबे मेराज की नमाज़ नफ्ल नमाज़ है जिसका रकात कोई फिक्स नहीं है आप चाहें तो 2, 4, 6, या 100 रकात भी पढ़ सकते हैं इसमें आपकी भलाई है लेकीन इस रात को इबादत करना ना भूलें क्यूंकि इसकी फजीलतें बहुत है।
FAQ
शबे मेराज की रात में क्या पढ़ना चाहिए?
शबे मेराज की रात में शबे मेराज की नफ्ल नमाज़, सुरह, कुरान शरीफ व दुआ ए अज़कार पढ़ना चाहिए।
शबे मेराज की नमाज़ कितनी रकात है?
शबे मेराज की नमाज़ में रकातों की कोई गिनती फिक्स नहीं है आप जितनी चाहें पढ़ सकते हैं।
आखिरी बात
इसमें हमने शबे मेराज की नमाज़ को अदा करने का दुरूस्त तरीके को बहुत ही आसान तरीका से और मुकम्मल जानकारी को लिखा है, हम उम्मीद करते हैं कि यह पैग़ाम आपको काफ़ी फायदेमंद साबित हुआ होगा, इसे पढ़ने के बाद आप शबे मेराज कि नमाज़ आसानी से अदा कर सकेंगे।
इस पैग़ाम को हमने जानकारी को अच्छे से जानने के बाद आप के इल्म के लिए आसान लफ्जों में पेश किया ताकि आप को किसी भी तरह से समझने में परेशानी का सामना न करना पड़े, इसमें हमने शबे मेराज की नमाज़ अदा करने का तरीका के साथ साथ शबे मेराज की नमाज़ से जुड़ी बहुत जानकारी लिखी है तो आपको यह जानकारी शबे मेराज से जुड़ी कैसी लगी हमे जरूर बताइएगा।
हमारा कोशिश शुरू से लेकर अभी तक यह रहा है कि हम अपने मोमिनों को मजहब ए इस्लाम की बातों को आसान लफ्जों में पेश कराएं और हमारा दीन यानी मजहब ए इस्लाम का इल्म सभी को हासिल हो और हमें यह एहसास हो रहा है कि हम अपने इस कोशिश से कामयाब हो रहे हैं।
2 thoughts on “Shab E Meraj Ki Namaz Ka Tarika – [2025] शबे मेराज की नमाज़ का तरीका”
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