आज यहां आप Shab E Qadr Ki Namaz Ka Tarika बहुत ही आसानी से जानेंगे क्योंकी हमने यहां पर शब ए कद्र की नमाज़ पढ़ने का सही तरीक़ा, नियत, रकात सभी चीजें बहुत ही स्पष्ट और आसान लफ़्ज़ों में बताया है।
अगर आप भी शब ए कद्र की नमाज़ पढ़ने का तरीका जानना चाहते हैं तो इस पैग़ाम को आख़िर तक ध्यान से पढ़ें यकीनन इस पैग़ाम को पढ़ने के बाद आप शब ए कद्र की नमाज़ अदा करने सही का तरीका जान जाएंगे।
हम सब का रब का कितना बड़ा करम व एहसान है कि शब ए कद्र जैसी रहमत व बरकत भरी रात से नवाजा जिस रात हम सब आशिक ए रसूल शब ए कद्र की नमाज़ शब ए क़द्र की दुआ करके अपनी मगफिरत कराते हैं।
Shab E Qadr Ki Namaz Ka Tarika
आपको सबसे पहले यह मालूम होना चाहिए की शब ए कद्र की नमाज़ में 2 रकात की नफ्ल नमाज़ और चार रकात की नफ्ल नमाज़ भी पढ़नी होती है।
आप यहां पर सबसे पहले 2 रकात वाली शब ए कद्र की नमाज़ का तरीका जानेंगे इसके बाद हमने 4 रकात वाली नमाज़ का भी तरीका बताया है।
Shab E Qadr Ki Namaz Ka Tarika – पहली रकात
- सबसे पहले नियत करके अपना हाथ बांध लें।
- इसके बाद सना यानी सुब्हान क अल्लाहुम्मा पुरा पढ़ें।
- फिर तअव्वुज यानी अउजुबिल्लाह मिनश शैतानीर्रजीम पढ़ें।
- इसके बाद तस्मियह यानी बिस्मिल्लाह हिर्रहमान निर्रहिम पढ़ें।
- अब अल्हम्दु शरीफ यानी सूरह फातिहा शरीफ पुरा पढ़ें।
- अल्हम्दु शरीफ पढ़ने के बाद आहिस्ते से आमिन कहें।
- इसके बाद सूरह क़द्र यानी इन्ना अन्जलना एक मरतबा पढ़ें।
- फिर सूरह इखलास यानी कुल हुवल्लाहु शरीफ 15 बार पढ़ें।
- इसके बाद अल्लाहु अकबर कहते हुए रूकूअ में जाएं।
- रूकूअ में कम से कम तीन बार सुब्हान रब्बियल अज़ीम पढ़ें।
- अब समिअल्लाहु लिमन हमिदह कहते हुए रूकूअ से उठें।
- इसके बाद उठते भर में रब्बना लकल हम्द भी कहें।
- इसके बाद अल्लाहु अकबर कहते हुए सज्दे में जाएं।
- सज्दे में भी कम से कम तीन बार सुब्हान रब्बियल अला पढ़ें।
- फिर अल्लाहु अकबर कहते हुए सज्दे से उठ कर बैठें।
- फिर तुरंत अल्लाहु अकबर कहते हुए दुसरी सज्दा करें।
- अब अल्लाहु अकबर कह कर दुसरी रकात के लिए खड़े हो जाएं।
Shab E Qadr Ki Namaz Ka Tarika – दुसरी रकात
- यहां पर सबसे पहले अउजुबिल्लाह मिनश शैतानीर्रजीम पढ़ें।
- फिर बिस्मिल्लाह हिर्रहमान निर्रहिम पढ़कर सूरह फातिहा पढ़ें।
- सूरह फातिहा पुरा पढ़ने के बाद आहिस्ते से आमिन कहें।
- इसके बाद सूरह क़द्र 1 बार और सूरह इखलास 15 बार पढ़ें।
- फिर इसके बाद अल्लाहु अकबर कहते हुए रूकूअ में जाएं।
- रूकूअ में कम से कम तीन बार सुब्हान रब्बियल अज़ीम पढ़ें।
- फिर समिअल्लाहु लिमन हमिदह कहते हुए रूकूअ से उठें।
- फिर यहां भी उठते भर में रब्बना लकल हम्द जरूर कहें।
- इसके बाद अल्लाहु अकबर कहते हुए सज्दे में जाएं और तीन बार सुब्हान रब्बियल अला ज़रूर पढ़ें।
- इसके बाद अल्लाहु अकबर कहते हुए सज्दे से सर उठाएं फिर अल्लाहु अकबर कहते हुए तुरंत दुसरी सज्दा करें।
- अब अल्लाहु अकबर कहते हुए सज्दे से उठ कर बैठ जाएं और अत्तहिय्यात पढ़ें।
- अत्तहिय्यात पढ़ते हुए जब कलिमे ला पर पहुंचे तो दाहिने हाथ से शहादत उंगली खड़ा करें और इल्ला पर गिरा दें।
- इसके बाद यहां पर दुरूदे इब्राहिम पढ़ें और फिर दुआए मसुरा भी पढ़ें।
- अब अल्लाहु अकबर कहते हुए तिसरी रकात के लिए खड़े हो जाएं।
Shab E Qadr Ki Namaz Ka Tarika – तिसरी रकात
- यहां पर सना यानी सुब्हान क अल्लाहुम्मा भी पुरा पढ़ें।
- फिर अउजुबिल्लाह और बिस्मिल्लाह दोनों को पुरा पढ़ें।
- अब सूरह फातिहा पुरा पढ़ें और आहिस्ते से आमिन कहें।
- फिर सूरह क़द्र 1 मरतबा पढ़ें और सूरह इखलास 15 बार पढ़ें।
- फिर इसके बाद अल्लाहु अकबर कहते हुए रूकूअ में जाएं।
- रूकूअ में कम से कम तीन बार सुब्हान रब्बियल अज़ीम पढ़ें।
- फिर समिअल्लाहु लिमन हमिदह कहते हुए रूकूअ से उठें।
- फिर से यहां उठते भर में रब्बना लकल हम्द जरूर कहें।
- इसके बाद अल्लाहु अकबर कहते हुए सज्दे में जाएं और तीन बार सुब्हान रब्बियल अला ज़रूर पढ़ें।
- इसके बाद अल्लाहु अकबर कहते हुए सज्दे से सर उठाएं फिर अल्लाहु अकबर कहते हुए तुरंत दुसरी सज्दा करें।
- अब अल्लाहु अकबर कहते हुए सज्दे से सीधे चौथी रकात के लिए खड़े हो जाएं।
Shab E Qadr Ki Namaz Ka Tarika – चौथी रकात
- यहां पर सिर्फ अउजुबिल्लाह और बिस्मिल्लाह शरीफ पढ़ें।
- इसके बाद सूरह फातिहा पढ़ कर आहिस्ते से आमिन कहें।
- अब सूरह क़द्र 1 मरतबा और सूरह इखलास 15 मरतबा पढ़ें।
- फिर से यहां भी अल्लाहु अकबर कहते हुए रूकूअ में जाएं।
- रूकूअ में कम से कम तीन बार सुब्हान रब्बियल अज़ीम पढ़ें।
- फिर समिअल्लाहु लिमन हमिदह कहते हुए रूकूअ से उठें।
- इसके बाद उठते ही भर में रब्बना लकल हम्द भी ज़रूर पढ़ें।
- अब अल्लाहु अकबर कहते हुए सज्दे में जाएं और तीन बार सुब्हान रब्बियल अला पढ़ें।
- इसके बाद अल्लाहु अकबर कहते हुए सज्दे से सर उठाएं फिर तुरंत अल्लाहु अकबर कहते हुए दुसरी सज्दा करें।
- हर बार की तरह यहां भी दुसरे सज्दे में कम से कम तीन बार सुब्हान रब्बियल अला पढ़ें।
- अब अल्लाहु अकबर कहते हुए सज्दे से उठ कर बैठ जाएं और अत्तहिय्यात पढ़ें।
- अत्तहिय्यात पढ़ते हुए जब कलिमे ला पर पहुंचे तो दाहिने हाथ से शहादत उंगली खड़ा करें और तुरंत इल्ला पर गिरा दें।
- इसके बाद दुरूदे इब्राहिम पढ़ें फिर दुआए मसुरा पढ़ कर सलाम फेर लें।
- सबसे पहले अस्सलामु अलैकुम व रहमतुल्लाह कहते हुए दाहिने तरफ गर्दन घुमाएं।
- इसके बाद अस्सलामु अलैकुम व रहमतुल्लाह कहते हुए बाएं तरफ गर्दन को घुमाएं।
यहां आपकी 4 रकात शब ए क़द्र की नमाज़ मुकम्मल हो गई अब इस तस्बीह को 1 बार जरूर पढ़ें इसके बाद शब ए क़द्र की दुआ पढ़ें फिर जो चाहे दुआ करे बारगाह ए इलाही में कुबूल होगी इंशाअल्लाह तआला।
तस्बीह:- सुब्हानल्लाही वल हम्दु लिल्लाहि वला इलाहा इल्लल्लाहु वल्लाहु अकबर।
इसी तरह 4 – 4 रकात करके शब ए क़द्र की रात आप बारह रकात नमाज अदा करेंगे अल्लाह तआला इस नमाज पढ़ने वाले को नबियों की सवाब अता फरमाएगा।
शब ए क़द्र की रात इस तरह भी नमाज़ पढ़े।
शब ए क़द्र की रात 2 रकात नमाज इस तरह से पढ़ें कि हर रकात में सूरह फातिहा पढ़ने के बाद सूरह क़द्र तीन 3 मरतबा पढ़ें इसके बाद सूरह इखलास 5 मरतबा पढ़ें फिर रूकूअ सज्दा करके दो रकात मुकम्मल कर लें।
इसके बाद जब नमाज मुकम्मल हो जाए तो सूरह इखलास यानी कुल हुवल्लाहु शरीफ 17 मरतबा पढ़कर गुनाहों की मगफिरत की तलब करें इंशाअल्लाह तआला तलब करने वाले का तमाम पिछले गुनाह अल्लाह तआला माफ फरमाएगा।
शब ए क़द्र की रात इस नमाज को भी अदा करें।
शब ए क़द्र की रात 2 रकात नमाज इस तरह से पढ़ें कि दोनों रकात में सूरह फातिहा पढ़ने के बाद सूरह अलम नशरह 1 बार और सूरह इखलास 3 बार पढ़ें।
लेकिन यहां पर जब नमाज 2 रकात मुकम्मल हो जाए यानी सलाम फेर लेने के बाद सूरह क़द्र 27 मरतबा पढ़ें फिर दुआए अजकार अपने मुताबिक करें।
शब ए क़द्र की रात में इस नमाज को जरूर पढ़ें।
इस रात में यानी शब ए क़द्र को 2 – 2 रकात की नियत करके 100 रकात नमाज अदा करें हर रकात में सूरह फातिहा पढ़ने के बाद सूरह क़द्र 1 बार और सूरह इखलास यानी कुल हुवल्लाहु शरीफ 3 मरतबा पढ़ें, हर 2 रकात नमाज अदा करने के बाद 10 मरतबा दुरूद शरीफ पढ़ें।
शब ए क़द्र की नमाज़ की नियत
नियत की मैने चार रकात नमाज शब ए क़द्र की नफ्ल वास्ते अल्लाह तआला के मुंह मेरा काबा शरीफ़ की तरफ अल्लाहु अकबर।
यहां ध्यान दें कि अगर आप 2 रकात वाली शब ए क़द्र की नमाज़ अदा कर रहे हैं तो जहां चार लिखा हुआ है वहां पर आप दो रकात बोलें।
अरबी में इस तरह करें:- नवैतु अन उसल्लिय लिल्लाहि तआला रकाति सलाति नफ्ली मुतवाजिहन इलाजिहातिल काअबतिश शरीफते अल्लाहु अकबर।
शब ए क़द्र की नमाज़ कितनी रकात है?
हमने उपर में शब ए क़द्र की नमाज़ के साथ नमाज की रकात का भी शरीक किया सबसे पहले आप 4 – 4 रकात करके 12 रकात शब ए क़द्र में नफ्ल नमाज अदा करें इसके बाद 2 रकात फिर इसके बाद 2 रकात नफ्ल नमाज अदा करें।
इसके बाद फिर 2 – 2 रकात की नियत से 100 रकात नमाज अदा करें या फिर आप जितनी चाहे अदा कर सकते हैं यह आपके लिए है आप चाहें तो अनगिनत या फिर 2 रकात भी पढ़ सकते हैं यह आपकी भलाई और खुदा की रज़ा के लिए है।
अगर अपने नबी सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम का सुन्नत अदा करना चाहते हैं तो हमनें जितना बताया उतना ज़रूर अदा करें यह भी कम ही है और मैं तो कहना चाहूंगा कि ज्यादा से ज्यादा शब ए क़द्र की रात नफ्ल नमाज अदा करें फिर इसे हम लोग शायद न पा सके।
FAQ
लैलतुल कद्र कहने की क्या वजह है?
कद्र का माना अजमत, हुक्म, इज्ज़त, होता है इस रात में ये सभी चीज़ है इसीलिए लैलतुल कद्र कहते हैं।
कौन सी रात शबे कद्र यानी लैलतूल कद्र है?
रमजानुल मुबारक की पहली रात, 21, 23, 25, 27 और 29 वीं रात शबे कद्र की रात है, मुख्यत इसकी 27 वीं रात शबे कद्र की रात है।
शबे कद्र की नमाज़ कितनी रकअत होती है?
शबे कद्र की नमाज़ में आप चाहें तो दो रकअत या फिर सौ, दो सौ रकअत की नमाज़ अदा कर सकते हैं, इसमें रकतों की संख्या फिक्स नहीं है।
शबे कद्र की रात में क्या पढ़ना चाहिए?
शबे कद्र की रात में नमाज़, सुरह, कुरान मजीद, तस्बीह, तहलिल पढ़ना चाहिए इनकी फजीलतें बहुत है।
आख़िरी बात
आपने इस पैग़ाम में बहुत ही रहमत मगफिरत बरकत और साथ ही फजीलत भरी नमाज़ यानी शब ए कद्र की नमाज़ अदा करने का मुकम्मल और दुरूस्त तरीका बहुत ही आसान लफ्ज़ों में पढ़ कर समझा यकीनन अब आप शब ए कद्र की नमाज़ आसानी से अदा कर लेंगे।
अगर अभी भी आपके मन में शब ए कद्र की नमाज़ से जुड़ी कोई सवाल हो तो आप हमसे कॉमेंट करके ज़रूर पूछें हम आपके सभी सवालों का जवाब ज़रूर देंगे क्योंकी मेरा मकसद शुरू से अभी तक यही है कि सभी आशिकाने रसूल इस्लामिक नॉलेज आसानी से जान कर अमल में लाए।
अगर यह पैगाम आपको अच्छा लगा हो यानी कि इस पैग़ाम से जो कुछ भी आपको हासिल हुई हो उसे अपने अहलो आयाल अहबाब रिश्तेदार दोस्तो को भी बताएं जिसे वो भी शब ए कद्र का तोहफ़ा हासिल कर सके साथ ही अपने नेक दुआओं में हमें भी याद रखें शुक्रिया।